लेखक: दादाराम साळुंखे वाचक: विद्या पाटील
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काळाच्या ओघात आणि संपत्तीच्या पाठीमागे लागून माणूस जीवन जगायचे विसरत चालला आहे.जगात सर्वात सुखकर करणारी गोष्ट कोणती असेल ती म्हणजे सुखदु:खात आपण जपलेली नाती. हसत कसं जगावं याचा कानमंत्र या पुस्तकातून मिळाल्याशिवाय राहणार नाही.
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